तुम्हारी रहमत

तुम्हारी रहमत, ना जिस्म हमारा , ना रूह हमारी , मुस्कान भी तेरी ,बुनयादी नाम तेरा दिया , दिल भी तेरा , यह जान भी तेरी सब कुश तेरा न कुश मेरा, तू ही तू तेरा ही तेरा : " Your Mercy "

शनिवार, 12 जनवरी 2013

गुरु नानक भवन में परफॉरमेंस


 
यादें   भवन में परफॉरमेंस  की अभी भी मुझे  याद है के जब  मुझे  इनवाईट  किया गिया परफॉरमेंस के लिए लिए  .. मैं मुंबई   से ludhiana अपने   माँ पिता जी  मिलने के लिए  आया  ..और आते ही रहमत से मुझे  शो मिल गिया  . हमने इस शो की तयारी बहुत सोच समझ कर शुरू की एक तरफ मुझे सन्मानित करना था और  दूसरी तरफ मुझको परफॉरमेंस देनी थी ..लकिन सच में कहू तो मेरा सारा ध्यान अपनी परफॉरमेंस पर था



 दिन जब नज़दीक आये मेरे  अंदर  और ख़ुशी बड़ने  लगी . जब शो का वक्त आया माँ पिता का आशीर्वाद साथ में ...पेर्फोर्मस शुरू की फिर  किया जब माँ पिता का आशीर्वाद हो तो खुदा का सबका  आशीर्वाद  खुद ब खुद  मिल जाता है ...पेर्फोर्मस बहुत हे अच्छी  हुई मेरे पिता जी उस वक्त मेरे पेरोफ्र्मांस को देखते हुए .उस वक्त   आँखों में ख़ुशी के आँसू देखे .




 आज भी इनके साथ से कदम कदम बड़ता चला जा रहा हूँ ...यह खुश रहें इनकी ख़ुशी में तो  मेरी खुशी है ......

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