यादें भवन में परफॉरमेंस की अभी भी मुझे याद है के जब मुझे इनवाईट किया गिया परफॉरमेंस के लिए लिए .. मैं मुंबई से ludhiana अपने माँ पिता जी मिलने के लिए आया ..और आते ही रहमत से मुझे शो मिल गिया . हमने इस शो की तयारी बहुत सोच समझ कर शुरू की एक तरफ मुझे सन्मानित करना था और दूसरी तरफ मुझको परफॉरमेंस देनी थी ..लकिन सच में कहू तो मेरा सारा ध्यान अपनी परफॉरमेंस पर था
दिन जब नज़दीक आये मेरे अंदर और ख़ुशी बड़ने लगी . जब शो का वक्त आया माँ पिता का आशीर्वाद साथ में ...पेर्फोर्मस शुरू की फिर किया जब माँ पिता का आशीर्वाद हो तो खुदा का सबका आशीर्वाद खुद ब खुद मिल जाता है ...पेर्फोर्मस बहुत हे अच्छी हुई मेरे पिता जी उस वक्त मेरे पेरोफ्र्मांस को देखते हुए .उस वक्त आँखों में ख़ुशी के आँसू देखे .
आज भी इनके साथ से कदम कदम बड़ता चला जा रहा हूँ ...यह खुश रहें इनकी ख़ुशी में तो मेरी खुशी है ......
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